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Dr. Vikas Kumar Sharma

Comedy

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Dr. Vikas Kumar Sharma

Comedy

रास्कला रास्कला

रास्कला रास्कला

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गर्म सांबर इडली व डोसा

चाव से खाता मैं चटनी समोसा,


मीठा भी मुझे बहुत सुहाता

खुशी-खुशी में सब खा जाता,


डोसा मेरा है फेवरेट

हाई हो गया है इसका रेट,


डोसा है मेरे खाने की शान

बाजार से लेकर आया सामान,


पत्नी कर रही थी सब तैयारी

सब्जी काटने की थी बारी,


लुंगी पहनकर मैं बाहर आया

अन्ना बनने का किया दिखावा,


बोली से भी बना साऊथ इंडियन

काटी सब्जियाँ वन बाए वन,


रास्कला-रास्कला था मेरा डायलॉग

कूकर की सीटी ने फैला दिया फॉग,


खुशबू सांबर की फैली चारों ओर

मन हो गया था आनंद-विभोर,


मुँह मे झट से आया पानी

कुकिंग में नहीं मेरा कोई सानी,


खोल कूकर खाने की ठानी

पत्नी भी थी बड़ी सयानी,


बोली सांबर अभी नहीं खानी

डोसा तैयार होने दो जानी,


नारियल की तुम चटनी बनाओ

साथ-साथ में डायलॉग सुनाओ,


दस मिनट में रेडी होगा फूड

खराब हो गया मेरा मूड,


कितना सुनोगी रास्कला-रास्कला

तुम ही करो मैं तो चला,


पत्नी से मैं हुआ नाराज

बोला भूखा ही रहूँगा आज,


बैठ गया बाहर छत पर

लेकिन मन था केवल खाने पर,


खुशबू बाहर तक आ रही थी

भूख से मेरी जान जा रही थी,


पत्नी ने लगाई आवाज

कब तक रहोगे मुझसे नाराज,


डोसा हो गया है तैयार

नाराजगी तुम्हारी अब है बेकार,


भाग कर गया और डोसा खाया

पत्नी को खूब हँसते पाया।


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