STORYMIRROR

Dr. Vikas Kumar Sharma

Others

3  

Dr. Vikas Kumar Sharma

Others

बाबू जी का गुस्सा

बाबू जी का गुस्सा

2 mins
335


बाबू जी यह कैसा है त्यौहार?

क्यों टकराते हैं लोगों के विचार?


लड़ते-झगड़ते चला देते हैं गोली

डरी सहमी बच्ची भोली

आँखों में डर लिए बोली

बाबू जी क्या सचमुच यही है होली?


बाइक पर हंगामा करते लड़कों की टोली

चीखते चिल्लाते हॉर्न बजाते

गालियों अपशब्दों से भरी उनकी बोली

बाबू जी क्या सचमुच यही है होली?


ना, ना बिटिया ऐसा बिल्कुल भी नहीं

बातें तुम कह रही सारी खरी-खरी

पर होली से इन बातों का नहीं है कोई नाता

क्या है असली होली, 

आओ तुम्हें मैं हूँ बताता,


बाबू जी ने अलमारी खोली

निकाल रंग की डिब्बी पानी में घोली,


जानबूझकर

गली में निकले भर कर पिचकारी

बल्लू चाचा ने भी करी थी तैयारी,

बाबू जी से उनकी है पक्की यारी

बाल्टी रंग की उड़ेल दी सारी,


बाबू जी ने दिखाया झूठा गुस्सा

माँ ने भी तैयार रखा था कोरड़े वाला रस्सा,


बाबू जी बोले 

बल्लू के बच्चे अभी नीचे आ,

हिम्मत है तो

सामने आकर रंग लगा,


डरते-डरते बल्लू चाचा नीचे आए

माँ खड़ी थी कोरड़े से निशाना लगाए,


बाबू जी बोले 

छिप कर ना कर रंगों से वार

होली का मुबारक हो त्यौहार,


बल्लू चाचा को आया साँस

बोले होली का त्यौहार है बहुत खास,

बड़े भईया आपको भी हो बधाई

ऊपर से मिठाई मँगवाई,


माँ ने मौके का फायदा उठाया

बल्लू चाचा को खींच कर कोरड़ा लगाया,


भाभी जी सुनो मेरी बात

बल्लू चाचा ने जोड़े हाथ,


मैं हूँ प्यारा देवर तुम्हारा

क्षमा कर दो

भगवान भला करे तुम्हारा,


माँ बोली प्यारे देवर सुन

कोरड़ा मारना है होली का शगुन,


सबने एक दूसरे को लगाया प्रेम से रंग

होली खेलने का बहुत बढ़िया था ढ़ंग,


मिठाई खाकर सबने खेली खूब होली

उसके बाद शुरू हुई हँसी ठिठोली,


बाबू जी और बल्लू चाचा ने सुनाए खूब मजाकिया किस्से

हँसकर लोट-पोट हो गए सारे जिससे,


होली का एकदम नया रूप मैंने जाना

प्यार प्रेम से चाहिए सबको होली मनाना,


प्राकृतिक रंगों का करो प्रयोग

मिलजुल कर खेलो होली सारे लोग,


लड़ाई, झगड़ा व हुड़दंग, हैं चीजें बेकार

होली है एक बहुत प्यारा रंगबिरंगा त्यौहार,


शुभ व सुरक्षित हो रंगों की बौछार

मुबारक हो सभी को होली का त्यौहार।














Rate this content
Log in