STORYMIRROR

Ashish Agrawal

Comedy

3  

Ashish Agrawal

Comedy

मच्छर चालीसा

मच्छर चालीसा

1 min
2.1K

जय मच्छर बलवान उजागर,

जय अगणित रोगों के सागर।


मलेरिया के तुम हो दाता,

खटमल के हो छोटे भ्राता।


डेंगू के आए कई केस,

जिनसे डरता मेरा देश।


जब-जब होय प्रकोप तुम्हारा,

तो प्रभावित होय जग सारा।


जब भी होता खाँसी-जुकाम,

बच जाते लगाकर विक्स और बाम।


लेकिन जब हो जाये डेंगू-मलेरिया,

तो क्या कर लेंगे डॉक्टर भैया।


मच्छर ने हमको काटा, तो उसका जुनून था।

हमने उधर खुजलाया, तो हमारा सुकून था।


चाह कर भी मार न सके, क्योंकि,

उसमें अपना भी एक खून था।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Comedy