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Ashish Agrawal

Abstract Fantasy

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Ashish Agrawal

Abstract Fantasy

कलम

कलम

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इसी कलम से कलम हो जाते है कई सर 

इसी कलम से कमल बन जाते है कुछ घर 

इसी कलम से जुड़ जाते है कई नए रिश्ते

और इसी कलम से ही टूट जाते है कई अटूट रिश्ते


इसी कलम से कई दिलों को छू लेते है कुछ मन

इसी कलम से गुलफाम बन जाते है कुछ जड़ जन

इसी कलम से महक उठते है कई शब्द अनजान

और यही कलम बया कर देती है वो जो बयान न कर पाए जुबान 


इसी कलम से बिक जाते है कुछ घर

इसी कलम से बिक जाती है इंसानियत 

इसी कलम से अलग हो जाते कई देश 

इसी कलम से बदल जाते है कुछ लोग


इसी कलम से सच होते है कई सपने

इसी कलम से लिख दिए जाते है अतीत

और इसी कलम से लिख देते है भविष्य

इसी कलम से मुस्कुराहटें आती है कई लबों पर


इसे मामूली न समझना ऐ मेरे दोस्त

कई जिंदगियां बदल देती है है ये कलम...


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