समय नहीं है
समय नहीं है
फुर्सत के क्षणों में कलम मेरी चली संगी साथी ढूँढने,
अभी कुछ आगे बड़ी थी कि बच्चे दिखाई दिये।
चलो, आज हम जी भर कर खेलेंगे,
आँखों को किताब में गड़ाये बोले
अभी हम पढ़ रहें हैं, समय नहीं है।
मुँह लटका कर कलम जो आगे बढ़ी, खिलखिला कर हंस पड़ी,
सामने मोबाइल में गुम लड़कियाँ दिखाई दी,
दीदी मेरे साथ बैठो न थोड़ी देर बातें करो ना
लड़कियों ने आंखें बड़ी की, आंखें तरेरी, हाथ नचाते हुए बोली समय नहीं है।
वहाँ से निराश कलम फिर आगे चलने लगी,
ऑनलाइन शौपिंग में व्यस्त कुछ स्त्रियां दिखाई दी।
मुझे न बातों का बड़ा शौक है, मेरे साथ बैठकर थोड़ी देर बातें करो ना,
स्त्रियों ने मुड़कर देखा, थोड़ा मुस्कुराईं, फिर बोली समय नहीं है।
वहां से भी कलम आगे चली तो कुछ मोबाइल गेम में व्यस्त युवा दिखाई दिये,
चलो आज हम जरा मैदान में भी खेलते हैं युवाओं ने पहले तो घूरा,
फिर पंजा दिखाया और बोलें समय नहीं है।
डर कर कलम मेरी आगे चल बढ़ी,
आगे देखा तो कुछ बुजुर्ग मोबाइल में भजन सुन रहे थे
मेरी कलम बोली चलो मंदिर में आरती कर लेते हैं,
बुजुर्गों ने हाथ नचाते हुए सिर हिलाते हुए,
पोपले मुँह से कहा, समय नहीं है ।
