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Hitesh pal

Romance

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Hitesh pal

Romance

सच्चा प्यार

सच्चा प्यार

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शायद क़ुदरत को यही मंज़ूर था

मेरे हिस्से मे दर्द 

उसके हिस्से मे सुकून था,

हम दिन रात रोते थे

वह ज़िंदगी का लुत्फ़ उठाते थे,

कभी राह मे मिल भी जाये तो

नज़र अंदाज कर जाते थे,

मोहब्बत की थी दिल से हमने 

हर वक़्त उन्हीं की याद मे बिताते थे,

भले भुल गये हमारी मोहब्बत वह

मगर आज भी दिल मे, 

उनकी ही तस्वीर बसाते है

शायद क़ुदरत को यही मंज़ूर था,

मेरे हिस्से मे दर्द 

उसके हिस्से मे सुकून था! 



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