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Hitesh pal

Abstract

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Hitesh pal

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बूँद

बूँद

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ये बूँदे जब मुझे भिगोती हैं

मन मे नयी उमंग सजोती हैं

अपने सब दुख दर्द भुल जाता हूँ

मन मे ख़ुशी की बौछार होती हैं

एक पल स्वर्ग पहुँच जाता हूँ

ये बूँदे जब मुझे भिगोती हैं ।।


ये बूँदे तन तो पावन कर जाती हैं

मन भी पावन कर जाती हैं

ईश्वर के समीप होने का 

मन मे एहसास कराती हैं

दुनिया की सारी ख़ुशी दे जाती हैं

ये बूँदे जब मुझे भिगोती हैं ।।


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