अधूरी मोहब्बत
अधूरी मोहब्बत


कुछ मोहब्बत हे अधूरी सी ।
जो न मिल सकी पूरी से
कुछ मोहब्बत हे अधूरी सी।
चाहा था हमने भी जी जान से उनको
न रखी थी कोई कमी दिल मे
हमने तो जहाँ मान लिया था उनको
फिर भी दिल मे
कुछ मोहब्बत हे अधूरी सी ।
कभी वो हमसे नज़रें चुराते थे
कभी हमसे नज़रें मिलाते थे
कुछ मोहब्बत हे अधूरी सी।
आँखों ही आँखों से प्यार बया कर जाते थे
उनकी यही मोहब्बत हमें समझ नही आती थी
आँखों मे प्यार था दिल मे तिरस्कार था
कुछ मोहब्बत हे अधूरी सी ।