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Hitesh pal

Abstract

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Hitesh pal

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अजनबी हूँ

अजनबी हूँ

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अजनबी हूँ इस शहर में

कोई तो अपना लो


प्यार ना दो भले

एक पल इस दर्द में साथ निभा लो 


उपकार होगा उनका जो

हमें अपने गले लगायेंगे 


हम भी भगवान समझ

उन्हें ह्रदय में बसायेंगे 


अजनबी हूँ इस शहर में

कोई तो अपना लो।


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