तेरी याद पिया
तेरी याद पिया
सारी रात तेरी याद आए पिया
तेरी यादो मे मेरा मन गुमशुद हो जाए
तुम्हारा मिलना रोज़ हमें राहों मे
प्यार दर्शाता था तुम्हारी निगाहों मे
मंद मंद मुस्कुरा कर चली जाती थी राहों मे.
तेरी याद रोज़ आती हे रातों मे- ।
कभी खिड़कीयो से झाँकना तो
कभी घर की छत पर आना
कोई देख ना ले इस तरह
इशारो मे अपना संदेश पहुँचाना.
याद आता हे अभी भी वो पल बार- बार
तेरी याद रोज़ आती हे रातों मे- ।।
बिताये थे जो पल एक साथ रह कर
याद आ रहे आज तुमसे जुदा होकर
तुम्हारा वो नाराज़ हो जाना
कई दिनों तक न मिलने आना
फिर भी तुम्हें मनाना याद आता हे आज रोज़ाना.
तेरी याद रोज़ आती हे रातों मे- ।।
हम तो तुमसे दूर हो गये और तुम हमसे
फिर ये मन कहता हे हमसे
तुम दिल के समीप हो हमसे
अब कोन इसे समझाये
यादें सिर्फ़ सपनों मे ही आती हे.
तेरी याद रोज़ आती हे रातों मे - ।।

