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Hitesh pal

Abstract

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Hitesh pal

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मेरी कामयाबी

मेरी कामयाबी

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मेरी कामयाबी पर लोग क्यूँ जलते हैं

ऐसा तो क्या किया मैंने 

जो मुझसे दूर चलते हैं

बस मेहनत किये जा रहा हूँ

अपने सपनों को सज़ा रहा हूँ

दिल मे न घृणा किसी से

न किसी से बैर मुझको 

हर किसी को कामयाबी 

की दुआ दिये जा रहा हूँ

मैं तो राही हूँ बस चले जा रहा हूँ ।।


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