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Hitesh pal

Romance Others

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Hitesh pal

Romance Others

ये दूरियाँ

ये दूरियाँ

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अब तो ये दूरी सही नहीं जाती

किसी से बेचैनी कही नहीं जाती।


दिन व्याकुलता मे गुज़र जाता है

रात का अकेलापन हमें डराता है


यादों के सहारे ही भोर हो जाता है

अब तो ये दूरी सही नहीं जाती


किसी से बेचैनी कही नहीं जाती

हम भी चाहते हे ये दूरी मिट जाये


तुम हमारे और हम तुम्हारे हो जाये

मिलन हो ऐसा की अफ़साने बन जाये


हमारी मोहब्बत के तराने बन जाये

हर आशिक यही धुन गून गूनाए 


अब तो ये दूरी सही नहीं जाती 

किसी से बेचैनी कही नहीं जाती।


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