सुनहरी रात
सुनहरी रात
हर शाम के बाद सुनहरी रात आती है
ख़्वाबों मे ही उन से बात हो जाती है,
कुछ वो कुछ हम दर्दे दिल बयां कर जाते हैं
इसी बीच प्यार की गुफ़्तगू हो जाती है
रात ऐसे ही उनके ख़्वाबों मे कट जाती है
जैसे सुबह उनके मिलन को बुलाती है
हर शाम के बाद सुनहरी रात आती है
ख़्वाबों मे ही उन से बात हो जाती है ॥
