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Dr Priyank Prakhar

Abstract

4.5  

Dr Priyank Prakhar

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आवाहन युगमहेश (कोरोनावारियर्स)

आवाहन युगमहेश (कोरोनावारियर्स)

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कर रहा काल आवाहन उठा अमोघ अस्त्र शमन कर ,

गर्जना कर उठे हृ्दसिंह अब कुछ ऐसा जतन कर ,

छोड़ करके वेदना के स्वर नव प्राण का सृजन कर,

ग्रस रहा आत्म दीपक को अंधकार तू इसका दमन कर।


ना होने पाए अब छाया अस्तित्व से विकराल,

खोज विजय को चाहे फोड़ काल का कपाल,

सिंहनाद अब काय-वन में हो प्रतिध्वनित,

खंड खंड हो धूल धूसरित मन की व्यथा अकथित।


मिथ्या भ्रम छोड़कर स्वस्पंदन का संज्ञान कर,

विपत्ति को बना के अवसर अब इसका संधान कर,

भाग्य देता साथ वीर का अब तू ये ध्यान धर,

बन जाए हर कपि फिर हनुमान तू इसका प्रावधान कर।


अवसर आया है अब तू निज स्वरूप का भान कर,

स्व एवं पर को त्याग कर अब तू जनकल्याण कर,

अवलंबित है आशाएं तुझ पर कुछ नवनिर्माण कर,

हे युग महेश (कोरोना वारियर) जनहितार्थ इस हलाहल का विषपान कर।



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