सच है
सच है
सच है कि हम तन्हा हैं,
पर इस कदर नहीं कि सूखा तालाब,
सच है कि आत्मा मौन है,
पर इस कदर नहीं की कोई लाश,
सच है कि आंखों में सूनापन है
पर इस कदर नहीं कि कोई तलाश,
सच है कि दिल दुखा है,
पर इस कदर नहीं की टूट जाए आस,
सच है कि रिश्ता निभ रहा है
पर जब तक जुड़ा है मेरा विश्वास,
सच है कि आज मना रहा है
मातम दिल मेरा,
पर इस कदर नहीं कि कोई शमशान।