उम्मीद
उम्मीद
उम्मीद के बढ़ते कदम ये, रुक न पायेंगे कभी
आकाश रखते हैं नज़र में,चाँद लायेंगे कभी
बाधा भले कोई अगर हो,हार मानेंगे नहीं
अब जान ले सारा जमाना, रार ठानेंगे वहीं
हिम्मत हमारे पंख में है,व्योम पायेंगे कभी
आकाश रखते हैं नज़र में,चाँद लायेंगे कभी
तूफान से भयभीत क्यों हों,सामना डटकर करें
तकलीफ में जो काम आये,साथ हम उनके चलें
मन में हमारे हौसला है,जीत जायेंगे कभी
आकाश रखते हैं नज़र में,चाँद पायेंगे कभी
बेशक मिलेगी जीत हमको,गीत गायेगा ज़हां
खुशबू हमारी नेकियों की, हम बिखेरेंगे यहाँ
जो उठ रहीं मन में उमंगें,रँग जमायेंगे कभी
आकाश रखते हैं नजर में,चाँद लायेंगे कभी
उम्मीद के बढ़ते कदम ये, रुक न पायेंगे कभी
आकाश रखते हैं नज़र में, चाँद लायेंगे कभी।