बंधन रक्षा का
बंधन रक्षा का
भाई बहन के अटूट प्रेम और विश्वास का त्यौहार है रक्षाबंधन,
नोक-झोंक और मीठी शरारतों का, है ये सबसे अनोखा बंधन,
हर रिश्ते से है ये रिश्ता जुदा, ईश्वर का है यह उपहार अनुपम,
चाहे एक दूसरे से रहे कितनी भी दूर, सदा जुड़ा रहता है मन।
श्रावण मास की पूर्णिमा का दिन है पावन रक्षाबंधन त्यौहार का,
कच्चे धागे से बंधा पक्का बंधन रक्षा का, आधार इस प्यार का।
मुस्कुरा रही वसुंधरा भी, गा रही गीत देख खुशियों का आगमन,
सावन की फुहार में झलक रहा है रंग, भाई -बहन के प्यार का।
चहुँ ओर दिखे चंदन, रोली, मिठाई और राखी से सजी थालियाँ,
बहनें खरीद रही उत्साह और उमंग से भरी रंग बिरंगी राखियाँ,
सज धज बहनें, भाई के माथे लगा तिलक बाँधे रक्षा का धागा,
कितनी भी हो तकरार भाई बहन तो चाहे एक दूजे की खुशियाँ।
अनमोल है यह राखी का धागा, है अटूट प्रेम, विश्वास का आधार,
लड़ने झगड़ने, रूठने मनाने में छिपा हुआ है, जज़्बातों का संसार,
कितना खास रिश्ता भाई बहन का, रक्षाबंधन देता है यही संदेश,
भाई का वचन, बहन की दुआ, यही दौलत है, सबसे बड़ा उपहार।