सबकुछ छिन जायेगा
सबकुछ छिन जायेगा


छीन लिया गया जब सबकुछ मुझसे मैंने यूं चीत्कार किया
एक भरोसा राम का रखकर सब रोते रोते स्वीकार किया
मान लिया यही है जीवन,जो है सब एक दिन छिन जायेगा
जीवन यही सिखा रहा संग्रह ना कर जो है सब एक दिन बिखर जायेगा!
छीन लिया गया जब सबकुछ मुझसे मैंने यूं चीत्कार किया
एक भरोसा राम का रखकर सब रोते रोते स्वीकार किया
मान लिया यही है जीवन,जो है सब एक दिन छिन जायेगा
जीवन यही सिखा रहा संग्रह ना कर जो है सब एक दिन बिखर जायेगा!