रब मिल भरोसा राम चीत्कार सबकुछ छिन दोस्त फैसला रास्ता देखा हिंदी कविता अन्तर्युद्ध अब भी है तब भी होगा साहेबान पर बन तो जायेगा फिर से ये अटूट हिन्दूस्तान समाज का दोगला चरित्र यह अंधा स्वार्थ कहां ले जायेगा यह अत्यन्त भयावह होगा। मन में कुछ मुख में कुछ

Hindi जायेगा Poems