STORYMIRROR

Bhavna Thaker

Romance

3  

Bhavna Thaker

Romance

सैया बड़े रंगीले

सैया बड़े रंगीले

1 min
443

पान गिलोरी चबाकर थूँके

सैयां बड़े रंगीले 

छींटे उड़ाकर

चुनरी मोरी

रंग दी कोरी कोरी

नैन मेरे नखरीले।


कम ना 

कर दिया पलटवार

दिल टकराये 

गीरी बिजुरीया 

हल्ला बोल मच गई

बीच बजरिया।


हो गई रामा

बीन बादल बरसात 

सैयां जी मोरे छेड़ गये मोहे

कलाई पकड़े भरबाज़ार

कैसे रहे मोरा मन बेकाबू 

दिल गई मैं तो हार 

जाते जाते सैयाजी मोरे।


कर गये मुझ पर वार

आँख मार पुचकार किया 

रामा हर गये मोरे प्राण 

मैं नटखट सी कैसे सहती

पिया की अटखेखलियाँ।


रंग गुलाल उड़ा दिया उनके 

रंग गये गोरे गाल

सैयाँ जी मोरे बड़े कम्माल 

चुटकी भरी रंगों की दौड़े 

मोरे पीछे-पीछे।


हाथ मरोड़कर झट से भर दी

मेरी कोरी मांग 

नतमस्तक सी खड़ी रही मैं

हो गई मालामाल

खुद को किया समर्पित

मैं तो गई ये दिल हार।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance