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Manoj Godar

Romance Fantasy Others

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Manoj Godar

Romance Fantasy Others

सावन में भी मन उदास है

सावन में भी मन उदास है

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जहर जुदाई पी लेते हैं, तुम बिन तन्हा जी लेते हैं। 

जिकर मोहब्बत का चलते ही, हम होंठों को सी लेते हैं। 


बार बार दिल के नभ पर, तेरी याद के बादल छाते हैं। 

बूंदों के संग आंख के आंसू, चुपके चुपके पी लेते है। 


सावन में भी मन उदास है, बुझती नहीं ये कैसी प्यास है

भूल गया मुझे वो हरजाई, क्यों उससे मिलने कि आस है। 


इंद्रधनुष के फीके क्यों रंग, प्रेम गली के रास्ते क्यों तंग 

ना कोयल कि कूक खुशी दे, ना लगें अच्छे ढोल मृदंग ।  


मंद पवन जब तन छूती है, दिल में एक अग्नि जलती है 

प्रेम पिपासा चरमोत्कर्ष पर,  प्रेयसी कि कमी खलती है। 


काश तुम्हें भी मुझसे प्यार हो, वापस आने का विचार हो

दुनिया से लड़ पा लूँ तुमको,  बेशक दुश्मन एक हजार हों। 


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