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Asmita prashant Pushpanjali

Drama Tragedy

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Asmita prashant Pushpanjali

Drama Tragedy

रिश्ते की दीवार

रिश्ते की दीवार

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चलो छोड़ दिया है और एक बार

उस राह पर चलना

जो तेरी यादों के दरवाजे तक

पहुँचा देती है।


बंद कर दिये हैं खिडकी दरवाजे

दस्तक ना देना अब

जंग चढ़ गये हैं

लोहे के किल्ली ताले।


बारिश के पानी में भीग कर

सड़ गल गये हैं

किवाड़ के दो पल्ले

हाथ ना लगाना

गिर जायेगी रिश्ते की दीवार।


अब नहीं बची है

रिश्तों के मजबुती की कोई गुंजाइश

साँस अटकी पड़ी है

ना जाने कब निकल जाये इसके प्राण।


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