यूँ रुठकर ना जाओ तुम पास मेरे आ जाओ तुम। यूँ रुठकर ना जाओ तुम पास मेरे आ जाओ तुम।
तेरी परछाई नज़र आई पर तू कहीं नहीं। तेरी परछाई नज़र आई पर तू कहीं नहीं।
आज फिर उसे पाने का मन करता है ! आज फिर उसे पाने का मन करता है !
वो किवाड़ अब नहीं खुलते, वो दरवाजे अब राह नहीं तकते। वो किवाड़ अब नहीं खुलते, वो दरवाजे अब राह नहीं तकते।
जब तुम लौट आओ घर को और कोई बहाना बाकी न हो। जब तुम लौट आओ घर को और कोई बहाना बाकी न हो।
चलो छोड़ दिया है और एक बार उस राह पर चलना जो तेरी यादों के दरवाजे तक पहुँचा देती है। चलो छोड़ दिया है और एक बार उस राह पर चलना जो तेरी यादों के दरवाजे तक पहुँचा...