रिमझिम बारिश
रिमझिम बारिश
रिमझिम बारिश के बीच जब मिले थे अकेले मे I
अरमानो के बादल कितने उमड़ पढ़े थे सीने मे II
चाहत थी तुझको जी भर के आज प्यार करू I
अहसासोे के साथ तुझको अपने बांहो मे भरु II
साथ बिताया हर लम्हा जान से प्यारा था I
साथ गुजरे जिंदगी यही अरमा हमारा था II
बारिश की बुँदे रह-रह कर प्यास बढ़ा रही थी I
पिया मिलन के लिए कब से ललचा रही थी II
वातावरण की शान्ति मन मे तूफान उठा रही थी I
प्रीत की अनबुझे प्यास आग दिल मे जला रही थी II
साथ ना छूटे तेरा बस यही डर सता रहा था I
रह-रह कर मुझे प्यार तेरा याद आ रहा था II
काश यु एक दूजे के बांहो मे बांहे डाले बैठे रहते I
प्यार भरी बातो संग मीठे-मीठे सपनो मे खोये रहते II
सुखदुःख की बातें हम करते, संग-संग आहें भरते I
परवाह नहीं किसी की बस प्यार -प्यार, प्यार करते II