जब तुम मेरे पास होती हो
जब तुम मेरे पास होती हो
जब तुम मेरे पास होती हो,
बिल्कुल पास
और झांकती हो मेरी आँखों में
क्या है मेरी आँखों में ?
कहीं तुम यह तो नहीं देख रही कि मेरी आँखों में तेरे लिए प्यार है या नहीं
मैं अपने हाथों में तेरा चेहरा लेकर चूम लेता हूँ
मेरा एहसास गहरा हो जाता है कि सचमुच तुम मेरे पास हो
तुम जरा लजाकर अपना चेहरा दूर हटा लेती हो
स्मित मुस्कान चेहरे पर तैर जाती है
फ़िदा हो जाता हूँ मैं तुम्हारी इस अदा पर
और तुम आश्वस्त हो जाती हो कि
अब भी मेरी आँखों में तुम्हारे लिए प्यार बचा है
बचने की क्या बात है! प्यार कोई शेष रह जाने वाली शै नहीं है
यह तो अशेष ही होती है या फिर नहीं ही होती है
क्या चल रहा है तुम्हारे ख्यालों में !
क्या चल रहा है मेरे ख्यालों में !
कि हम बार-बार निश्चिन्त होना चाहते है एक दूसरे के बारे में
कि सार्थक है जीना हमारा
कि कहीं हम घसीट तो नहीं रहे अपने जीवन को
जरूरी है यह आश्वस्ति
अचानक ही भर लेता हूँ तुम्हें अपनी बाँहों में
और चूम लेता हूँ तुम्हारी ग्रीवा
पाश से छूटने का प्रयास करती हो झूठ मूठ ही
कहती हो 'छोड़ो मुझे'
तुम्हें लगता है कि बाँध रखा है मैंने तुम्हें
मैं और कस लेता हूँ और सहलाने लगता हूँ नाभि के आसपास
क्या कर रहे हो ?
आवाज क्षीण होने लगती है आँखें बंद सी
घुमा लेता हूँ उसे अपनी तरफ
और बाहुपाश में उठाकर चूम लेता हूँ उसके तप्त होंठों को
वह अवश सी होने लगती है
और पसर जाती है सोफे पर
मैं उसका सिर अपनी जंघा पर रख
उसकी बंद पलकों को छू लेना चाहता हूँ
वह कसमसाकर कहती है
दरवाजा तो बंद कर लो
और मैं आश्वस्त हो जाता हूँ कि उसके दिल में अब भी मेरे लिए बचा है प्यार।