प्रेम नहीं छलता कभी भी दायित्वों को, मुंह नहीं फेरता जिम्मेदारियों से, नज़रें नहीं चुराता कभी... प्रेम नहीं छलता कभी भी दायित्वों को, मुंह नहीं फेरता जिम्मेदारियों से, न...
अपने पाश में ले चीर रहा है आप छटपटा रहे है आपकी गूंगी चीत्कार अपने पाश में ले चीर रहा है आप छटपटा रहे है आपकी गूंगी चीत्कार
मुखमंडल रक्तिम हुआ, उषा क्रोधावेश। प्रियतम सूर्य समीप तो , होता भस्म अशेष मुखमंडल रक्तिम हुआ, उषा क्रोधावेश। प्रियतम सूर्य समीप तो , होता भस्म अशेष
क्या चल रहा है तुम्हारे ख्यालों में ! क्या चल रहा है मेरे ख्यालों में ! क्या चल रहा है तुम्हारे ख्यालों में ! क्या चल रहा है मेरे ख्यालों में !