सेवा-निवृत्ति
सेवा-निवृत्ति
सेवा-निवृत्ति
बड़े अरमान से रखा है,
मेरे सनम तेरी कसम
सेवा-निवृत्ति के जीवन में,
ये पहला कदम, पहला कदम
सुबह उठकर थमा के झाडू मुकर मत जाना,
एक चाय के प्याली के लिए मेरे सनम
जिंदगी की गाड़ी खेचीं साथ-साथ मेरे सनम,
बच्चों के प्यार में किनारा मत करना तेरी कसम
जीवनसाथी का फर्ज निभाऊंगा अंतिम सांस तक,
तुझे से वादा है मेरे सनम तेरी कसम
इश्क का दौर आगे भी चलेगा मेरे सनम,
पत्नी से बनो मेरी सहेली मेरे सनम तुझे कसम
नये प्यार की शुरुआत अभी करते मेरे सनम,
नदी जलधरा की तरह इश्क को बढ़ाएंगे मेरे सनम
साथ- साथ करेंगे सागर में अंतिम सांसो का समर्पण,
तुझसे वादा है मेरे सनम तेरी कसम
जो खुशी अभी तक नहीं मिली,
उसे पाने में मुकद्दर आगे आजमायेंगे
मुझे पूरा यकीन है मंजिल जरूर पायेंगे,
मुकद्दर का सिकंदर हम ही कहलायेंगे
तुझे करना है मुझे से ढेरों हिसाब,
तेरी अनकही-अनसुनी शिकायतों की मोटी किताब
लुटे सावन की घड़ियों का बेशुमार हिसाब,
मेरा वादा है इसी जनम में ही होगा हिसाब
तुझे से वादा है मेरे सनम तेरी कसम,
बचे हुये समय में सजाऊंगा तेरा आशियाना
तुझे कर दूंगा मुहब्बत से इतना मालामाल,
मिटा दूंगा तेरे सब पुराने शिकायतों का खजाना
इतनी मुहब्बत करेंगे एक दूजे के साथ,
कोई गिले-शिकवे की नहीं होगी कभी बात
तेरे ही सेवा में रहेंगे चाहे दिन हो या रात,
तेरी कसम यही हैं मेरे दिल की सच्ची बात
तेरे मस्तिष्क में नहीं रहेगा कोई सवाल,
तुझे से वादा है मेरे सनम तेरी कसम
पुनर्जीवन का सत्य मुझे नहीं पता मेरे सनम,
लेकिन तेरा दामन खुशियों से भर दूंगा इस जनम।