रात हमने भी चाँद देखा था.!
रात हमने भी चाँद देखा था.!
तुम इतनी ख़ूबसूरत हो,
तुम्हें भी पता है कि नहीं..
ख़ुदा ख़ुद तुमको देखता है,
तुम्हें भी पता है कि नहीं...
अमावस की काली रात में,
ये जो उजाला है,
तुम्हारे हुस्न का ही तो है,
तुम्हें पता है कि नहीं...
अब तो कुछ भी,
तुमसे अच्छा नही लगता हमको,,
रात हमने भी चाँद देखा था...!