"राख"
"राख"
राख जो मिली है वो गवाही दें रही है ,
यहाँ कोई तो जला है जल के जो बुझा है, राख बन गया है।
राख जो मिली है वो गवाही दें रही है
कोई छला गया मासूम हृदय,
कोई टूटा हुआ सा नेकी करके,
कोई बिखरा हुआ बेतरतीब सा बेसुध,
कोई पीड़ा की सीमा से परे,
राख जो मिली है वह गवाही दे रही है।
वह नीर से पथरा चुकी आंखें,
कोई व्यग्रता की चरम से परे,
कोई आवाज और आहट से सुन्न,
कोई कोमलता से कट चुका सा हृदय,
राख जो मिली है वह गवाही दे रही है।
कोई खोने और पाने की व्याकुलता से परे,
कोई जीने और मरने के संताप से परे,
कोई जन्म मरण के इस अभिशाप से परे,
वेदना की राख में संवेदना जली है,
राख जो मिली है वह गवाही दे रही है।
यहां कोई तो जला है जल के जो बुझा है राख बन गया है।