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Sneha Srivastava

Children Stories

4.5  

Sneha Srivastava

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"वह थे एलियन"

"वह थे एलियन"

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आकाश में आधी रात को,

एक उड़नतश्तरी देखी थी,

धरती के प्राणी नहीं थे वह,

 मुझे विश्वास है,

वह थे एलियन


रोशनी इतनी की लगा,

मानो सूरज ही उतर आया,

हो धरती पर,

इतनी रोशनी पहले नहीं देखी थी,

मुझे विश्वास है,

वह थे एलियन।


न तन पर कपड़े,

मुंह मानो जैसे लटट्टू था,

इतने अजीब नहीं किसी को,

ऐसा देखा था,

मुझे विश्वास है,

वह थे एलियन।


बातों में,

आवाज नहीं थी,

मानो सिर्फ था कंपन,

मुझे विश्वास है,

वह थे एलियन।


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