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Sneha Srivastava

Children Stories

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Sneha Srivastava

Children Stories

चीकू

चीकू

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कल ही लेकर आए थे जिसको,

नाम उसका रखा है चीकू

श्वेत सी काया है उसकी,

लंबे से दो कान है,

पैरों में जैसे तूफान है,

चीकू मेरी अब जान है

कल ही लेकर आए थे जिसको,

नाम उसका रखा है चीकू|


मखमल सी कोमल काया है,

दिन भर घर में दौड़ लगाता है,

डर जाता जब होता शोर,

बैठ जाता कोने में छिप कर,

अभी वह थोड़ा हम लोगों से अंजाना है

कल ही लेकर आए थे जिसको,

 नाम उसका रखा है चीकू|


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