राजनीति नेताओं की
राजनीति नेताओं की
खूब हो रहा है आज प्रचार प्रसार
कौन कहां बनाएगा किसकी सरकार
कभी पैदल यात्रा तो कभी गाड़ी से
लुभा ली जनता छाप टोपी व साड़ी से।
जितना समय आज मतदान को दिया
अगर उतना दे देते जब जीत जाते हो
जरूरत ही नहीं होती तुम्हें मांगने की
खुद जनता बोलती इस बार तुम अब।
आज धन व रोजगार का लालच देते हो
बीते कल और आने वाले का पता नहीं
हाथ जोड़कर वादा तुम करके जाते हो
जीतकर फिर सबको अंजान बताते हो।
एक बार तो आते तुम बीते पांच साल में
कि कैसी है जनता मेरे शासन काल में
जरा खबर लेते उसकी जो बताये करीबी
कहीं उसी ने ना बनाया हो ये हाल गरीबी।