प्यार
प्यार
समझो ना मुझे गैर तुम
मैं तो तुम्हारा अपना हूं
नींदों में आता था जो तुम्हारे
मैं वो तुम्हारा सपना हूं।
जान कर भी क्यों
तुम अंंजान बने रहना चाहते हो
इस रिश्ते का नाम होकर भी
तुम क्योंं उसे बेनाम बनाना चाहते हो।
प्यार के उन पलों को
तुम क्यों मिटाना चाहते हो
जो वक्त बिताया साथ में
उसे क्योंं भुलाना चाहते हो।
शायद मेरे क्यों का
ना हो तुम्हारे पास जवाब
पर मेरा प्यार तो सच्चा है
उसे मत करो नजरअंदाज।