प्यार की चासनी
प्यार की चासनी
प्यार की चासनी में है ,
वो लपेट कर मारती,
दिल की बाते दिल में रह जाती ,
जब वह गुस्से में ताड़ती,।
कब समझ आएगा उसको ,
प्यार में तकरार ना करते ,
ना होता प्यार तो इकरार ना करते,
और ना झोंकते इश्क की आग में खुद को,।
वादे करके नहीं निभाना ,
है हमारी फितरत नहीं ,
मर कर भी निभाएंगे,
एक बार जो वादा कर दिए,।