नदियां
नदियां
आप बड़े सागर हैं ,हम तो हैं नदियां छोटी सी,
बहती रहती हैं हम सदा आकर तुझ से मिलने को ,
तुझ से मिलने की आस में ना जाने क्या क्या सहती हैं,
तुझ से ना मिल पाने पर हम यूं ही सूखती रहती हैं,।
मैं हूं सागर तुम सबसे बड़ा, रहता हूं मैं भी पड़ा,
तुम सबके मिलने से ही मैं बनता इतना बड़ा,
नदियां ना आकर मुझसे मिले तो ,
मैं भी किसी दिन समा जाऊंगा गागर,।