हस्तलिखित पत्र
हस्तलिखित पत्र
दिल के जज्बातों को,
शब्दों में पिरो कर,
एहसासों की स्याही में
कलम को डुबोकर
इश्क, जब कागज पर उतारा जाता था
प्यार का वो,--हंसी तराना
दिलबर को पहुंचाया जाता था
पढ़कर प्रेम की पतियां
इश्क और जवां
हो जाता था!!
आज भी संभले रखे हैं
डायरी में मेरी----
तुम्हारे इत्र में भीगे----
गुलाबी--- रुक्के(खत)
महफूज है---- प्रेम के वह सारे लम्हे
जिसकी खुशबू----- बरसों बाद भी
वैसी ही है----- जैसी कभी पहल
े थी---
जीवित हैं---- वो सारे एहसास,
वो जज्बात----- वो लम्हात
कागज के उन टुकड़ों में----
जो लिखे थे तुमने हाथ से----
मर गए तुम----- मर जाऊंगी मैं
लेकिन इश्क हमारा----
सदा रहेगा जवां---- रहेगा जिन्दा--- सलामत
उन गुलाबी इत्र से भीगे-----
पत्रों में--- जो तुमने मुझे लिखें,
जो मैंने--- तुम्हें लिखें
रखे हैं आज भी एक साथ--
रेशमी रुमाल में---
भीगे हुए--- हमारे प्यार की महक में
बता रहें है मुझे---
हम रहे या ना रहे
तेरे- मेरे दरमियां---
इश्क सदा रहेगा
इश्क सदा रहेगा।