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S Ram Verma

Romance

3  

S Ram Verma

Romance

पूर्णताः !

पूर्णताः !

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पाना और पा 

लेने में जितना 

फर्क है उतना ही 

छूना और छू लेने 

में भी फर्क है

जैसे जीने और 

साथ जीने में है 

अभी अभी 

मुझे छूकर

गए हो जैसे तुम 

अब पूरी रात 

सिहरती रहूंगी मैं 

यु ही अकेले में 

ये फर्क जिस दिन 

तुम समझ जाओगे 

उस दिन मेरा प्रेम 

पूर्णताः को पा लेगा !


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