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Shyam Kunvar Bharti

Romance

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Shyam Kunvar Bharti

Romance

गीत - वो मुस्कुरा रहे है |

गीत - वो मुस्कुरा रहे है |

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दिल तोड़कर है मेरा नाजो अदा वो मुस्कुरा रहे है

गिरा कर है घर मेरा अपना घर वो बसा रहे है

बड़ा ही हसीन गुल था वो मेरे गुलिस्तां का

उजाड़ कर है बाग मेरा गैरो वो महका रहे है


खाया जख्म ऐसा फिर हम संभल न पाये

थाम गैर बाहे मेरे जख्मों नमक वो लगा रहे है

पुछा मैंने आप आए नहीं कल रात कहा थे

इसकी इतनी जुर्रत मुझको फांसी वो चढ़ा रहे है


मिलेगी इश्क में ऐसी सजा मैंने सोचा ही नहीं

मेरे दिल ए नादा को खंजर वो दिखा रहे है

तुम ही तुम हो मंजिल मेरी कहते थे जो मुझे

छोड़कर मुझको तन्हा देखो चले वो जा रहे है


दगा देना था मुझको दिल लगाया ही क्यों था

आता नहीं है दिल लगाना मुझको वो सीखा रहे है

दिल तोड़कर है मेरा नाजो अदा वो मुस्कुरा रहे है



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