शुरुआत नए जीवन की
शुरुआत नए जीवन की
पूर्णिमा का चाँद चमकता गगन में,
उसकी छिटकती चाँदनी आंगन में।
सितारों से भरे आसमान तले,
एक-दूसरे को एकटक निहारते।
गुलाब,मोगरा, रजनीगन्धा की खुशबू,
फिजाओं में भी फैला है प्यार का जादू।
ठंडी हवा के झोंकों से गुलजार घर-आंगन,
वहीं पर बैठे हुए हैं दो प्रेम पूरित मन।
अधर मौन, मूक हो चुके,
नयनों से वार्तालाप करें।
बिना कहे ही समझ रहे हैं
दो दिल आज एक बन रहे हैं
प्यार की नयी कहानी लिख रहे हैं
वो नये जीवन की शुरुआत कर रहे हैं।