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aazam nayyar

Romance

3.5  

aazam nayyar

Romance

यादें सनम तेरी

यादें सनम तेरी

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शहर आया तेरी दोस्ती के लिये

बात कर ले मुझसे दो घड़ी के लिये 


जीस्त तन्हा गुजरती मेरी जा रही 

भेज कोई ख़ुदा जिंदगी के लिये


आता चेहरा नजर वो कहीं भी नहीं 

धड़के दिल रोज़ मेरा किसी के लिये


जान पहचान जिससें नहीं थी कभी 

दिल दीवाना किसी अजनबी के लिये


वरना अहसास होगा तन्हा होने का 

पास कुछ पल ठहर जा कभी के लिये


वरना आज़म कभी के मर जाते हम 

जी रहा हूँ तेरी आशिक़ी के लिये ।

आज़म नैय्यर 


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