यही हम हैं
यही हम हैं
समुन्दर की लहरें उग्र हैं
आकाश में आंधी है,तूफान है
और धरती हिल रही है
और इन तमाम खबरों से बेखबर
हम चलते फिरते
प्रेम का एक घरौंदा बना रहे हैं
जब कि कानों में चलती हुई
बौद्धिक बहसों का शोर है
नजर में विज्ञान की उपलब्धियां हैं
कामना में तुम हो
ख्वाहिश भी तुम्हारी है
हमारा इतिहास भी यही है
हमारा वर्तमान भी यही है
और यही हमारा भविष्य है
हम चीखें या मौन रहें
यथार्थ हमारा यही है
यही हम हैं।