मिलन
मिलन
कब आएगी वो मिलन की रात
कब होगी वो प्यार भरी बात
कब आंखों से दूर जाएगी निंदिया
कब चमकेगी मेरे माथे की बिंदिया
कब महकेगा मेरे बालों का गजरा
कब ठहरेगा मेरी आँखों में कजरा
कब खनकेगी मेरी हाथों की चूड़ी
कब कम होगी ये विरहा की दूरी
कब बजेगी मेरे पैरों की पायलिया
कब आएंगे मेरे पास मेरे सांवरिया।