जाने कैसे
जाने कैसे
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पहले मैं उनसे नाराज होती हूं
फिर खुद से नाराज होकर रोती हूं
जाने कैसे उनको चैन की नींद आती है
और मैं आंखों में आंसू लेकर सोती हूं
वो अक्सर साथ भी होता है
कभी बहुत बुलाने पर पास भी होता है पर
जाने कैसे वह बिन बताए चला जाता है
और फिर दूरियों का एहसास भी होता है
हां शायद उसे भी मुझसे प्यार है
हां सब कहते हैं वो मेरा यार है
जाने कैसे छुपा जाता हैं बातें दिल में
उसने कभी किया नहीं कोई इजहार है
आजकल दिल बेचैन सा हो जाता है
जब दिल खुद को कभी अकेला पाता है
जाने कैसे वो रातो रात मेरे बिना बाहर है
क्या कोई और उसके सपनों में आता है।