परिभाषित
परिभाषित
सर्वप्रथम सावन से सृजित, पत्रों की पलकों पर प्रेषित,
यह हीरे हिय की डोर में संचित, प्रेम परिभाषित करते हैं।
यह हिरे उदधि से उठकर, नभ के मस्तक पर शोभित हो,
जब नग्न धरा पर गिरते हैं, प्रेम परिभाषित करते हैं।
जब नग्न,अनगिनत सितारे, जलाशयों में प्रतिबिंबित होते हैं,
तब सहस्त्र डीप प्रज्वलित हो, प्रेम परिभाषित करते हैं।

