प्रेम
प्रेम
प्रेम नहीं मानता
समय स्थान की दूरियां
प्रेम सच्चा है तो
दूर रह कर भी
रहती हैं नजदीकियां
जैसे बनी रही
राधा कृष्ण में
बचपन की प्रीत
जैसे
कृष्ण और सुदामा
सदा बने रहे मनमीत
जैसे
चांद और चकोर का
अमर प्रेम
जैसे
भक्त का भगवान से
अलौकिक प्रेम
जैसे
माता पिता का
बच्चों से अटूट प्रेम
जैसे
हमारा भारत भूमि
के लिए प्रेम
प्रेम रगों में बहता है
सच्चा प्रेम
सदा रहता है।।