मेरी पतंग उसका वह हो गयी हैै डोर जैसे मन के आंगन मे नाच रहा हो मोर मेरी पतंग उसका वह हो गयी हैै डोर जैसे मन के आंगन मे नाच रहा हो मोर
जलत जिया विरहिन का, प्रमुदित, चंदा और चकोर। मधुर मिलन की ऋत बौराई, बगिया में चहुँ ओर।। जलत जिया विरहिन का, प्रमुदित, चंदा और चकोर। मधुर मिलन की ऋत बौराई, बगिया में ...
अब बात जब इश्क पर आ ही गई है, तो सात फेरे की रस्में उनके साथ ही होगी। अब बात जब इश्क पर आ ही गई है, तो सात फेरे की रस्में उनके साथ ही होगी।
चैन नहीं दो ठौर जीवन की डोर उलझी उस ओर। चैन नहीं दो ठौर जीवन की डोर उलझी उस ओर।
नज़रों के सामने, फिर भी दूर है। नज़रों के सामने, फिर भी दूर है।
सुशंस है सुरेन्द्र का वसुन्धरा सुगन्धिता विशुद्ध-वर्ष-घोषणा शुभा-विभा दसों-दिशा सुशंस है सुरेन्द्र का वसुन्धरा सुगन्धिता विशुद्ध-वर्ष-घोषणा शुभा-विभा दसों-द...