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Bhawana Raizada

Abstract

3  

Bhawana Raizada

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जीवन की डोर

जीवन की डोर

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जीवन की डोर

उलझी उस ओर


वक़्त कहाँ निकालूँ

खींचे रुपए उस ओर

भूल गया सारे नाते


रिश्तों की वो डोर

जीवन की डोर

उलझी उस ओर


असमंजस है प्यार मेरा

चाँद से रूठा है चकोर

दो पलों की ज़िंदगी


चैन नहीं दो ठौर

जीवन की डोर

उलझी उस ओर।


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