परछाई
परछाई
मेरी बेटी तुझे देख सब कहते है
"तू मेरी परछाई है।"
तो बड़ा डर लगता है।
डर लगता है कि कहीं तुझे भी मेरी
तरह घुट - घुट के न जीना पड़े।
सबको खुश करते - करते कहीं तुझे भी
मेरी तरह अपनी खुशियां न खोनी पड़े।
रह न जाये कहीं तेरे ख्वाब भी अधूरे,
तू भी कहीं दूसरो के सपने न पूरे करने लगे।
इसीलिये अब मै तेरी परछाई बनूँगी,
बढ़ सके तू आगे इसलिये हमेशा तेरे साथ रहूँगी।
मै तो बहुत डरती थी, पर तू मेरी परछाई नहीं
बिना डरे खुद अपनी इक पहचान बनेगी।
छू लेना आसमान तुम, नाप लेना समंदर की गहराई।
मत घुटन में जीना तुम मन से जिंदा दिल रहना तुम
मत मेरी परछाई बनना तुम,
खुद अपना एक वजूद बनाना तुम।