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Hiren Shah

Romance Classics Others

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Hiren Shah

Romance Classics Others

मेरी माँ

मेरी माँ

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मैं जब भी रोया मुझे हसाया मेरी माँ ने,

मैं जब भी रूठा मुझे मनाया मेरी माँ ने !


जब भरोसा ना हो मुझ पर किसी और को,

तब भी भरोसा दिखाया मेरी माँ ने !


नजाने खुद कितने बोज लेकर सो जाती है,

मगर हमेशा मुझे चैन की नींद सुलाया मेरी माँ ने !


कभी हताश होकर जो आँखें नम हुई हो मेरी,

मेरा हर आँसू मिटाया मेरी माँ ने !


खुद सारे कष्ट जेलकर दूसरो को खुश रखना,

सचमुच खुशियाँ बाँटना सिखाया मेरी माँ ने !


मेरी माँ की वजह से ही हूं मैं जो कुछ भी हूं,

मुझे मुझसा बनाया मेरी माँ ने !


इससे बढ़कर तोह्फा और होगा भी क्या,

मेरी माँ बनकर मुझे जो दिया मेरी माँ ने !


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