बहोत खास हो तुम
बहोत खास हो तुम
कड़वाहट भरी ज़िंदगी में एक मिठास हो तुम,
आम नहीं हो सच मानो तो बहोत खास हो तुम !
नहीं जानता मैं ये कौन हो तुम क्या हो तुम,
बस इतना पता है एक खूबसूरत एहसास हो तुम !
लाख हो चाहे फासले और दूरियाँ पर इतना जानलो,
सदा ही मेरे दिल के पास हो तुम !
हर मुश्किल हर परेशानी में,
मेरी एक मात्र आस हो तुम !
तुम न होतो बेचैन हो जाते है,
चैन की वो साँस हो तुम !
बहोत सपने है बहोत ख्याल है,
ख़यालो का वो कभी या काश हो तुम !
भोलापन,अच्छाई,मासूमियत न जाने कितना कुछ,
प्यार का तो पूरा आकाश हो तुम !